भारत माँ हमारी है
ये अपनी भारत माता,
किसी एक की जागीर नहीं
इसे निखारना, इसे तराशना
केवल एक व्यक्ति का कम नहीं
मिलजुल कर एक जुट होकर
यदि अपना कर्त्तव्य हम जानेंगे
तो अपनी सोने की चिड़िया को
आज के लोग पहचानेंगे
इस धरती के टुकड़े को हम
भारतवासी भारत बनाते हैं
ये सैनिक हर पल मर मर के
इसे जीने लायक बनाते हैं
सैनिक लड़ते हैं सरहद पे
देश के भीतर चेतना हमे जगानी है
साथ में गंगा, यमुना, हिमालय
सबकी शान बचानी है
उठो सपूतों माता के
आज ह्रदय से नमन करो
दूजों से लड़ना बंद करो
अन्तः प्रकाश का चयन करो
अपने माँ की आवाज़ को
आज अगर पहचानोगे
तो नभ के स्वर्ग को छोड़
इस धरती को स्वर्ग बना दोगे
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