नया जीवन
अंखियन से आँसुं बहें
बुझे न दिल की प्यास
रंग सारे बदले बदले से
सारा जहान नया सा
पहले तो मेले सजते थे
ढोल नगाड़े बजते थे
खुशियों का सागर बहता था
आँसु उसमे तैरा करते थे
अब तो सब कुछ बदल गया
सूरज की किरणें इतनी गहरी
खुशियों का सागर सूख गया
अब दुःख की मौजें लहराईं
बाजों से नाता टूट गया
अपनों ने कुछ ऐसा छीना
पाने से नाता टूट गया
सुख ने कुछ ऐसा रुख पल्टा
चैन से नाता टूट गया
अब टूटे नातों को जोडूँ
पिछले काँटों को या छोडूं
नई रात और दिन नया
लेकर के शुरू करूँ जीवन नया
क्या सही और क्या गलत
चौराहे पर कड़ी निहारूँ
किस ओर हैं जीवन की खुशियाँ
किस ओर काँटों की गलियाँ
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